स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता दिवस 
यह बात हवाओं को बताएं रखना रोशन होती चिरागों को जलाए रखना,
लहू देकर जिसकी हिफाजत हमने की ऐसे तिरंगेको सदा दिल में बसाए रखना।
परम आदरणीय अतिथिगण प्रधानाचार्य शिक्षक गण और मेरे प्यारे बच्चों
सर्वप्रथम आप सभी को मेरी तरफ से इस पावन स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई ।
साथ हीं इस निर्णायक समिति का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं की इन्होंने मुझे आज इस आजादी के महोत्सव में आप सब के समझ विचार अभिव्यक्त करने का अवसर प्रदान किया।
आज पूरा भारतवर्ष आजादी का जश्न मना रहा है इसके उपलक्ष्य में हम सब भी आज इस मंच पर एकत्रित हुए हैं। 
पर यह जो जश्न मनाने का मौका हमें मिला है यूं ही नहीं मिला है, अगर आज हर भारतवासी खुली सांस ले रहा है तो इसके पीछे हर उस वीर योद्धा की, हर उसे वीर सपूत की कुर्बानी की गथा
 छपी है जिन्होंने एक झूठ होकर आंदोलन पर आंदोलन किया अपनी लहू की नदियांभा

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