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Dussehra essay in English for school students - New St. Mery English School


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Dussehra is the most important festival in Bharat. It is the festival celebrated in the Hindu religion. It is also one of the longest festival in Bharat. People celebrated Dussehra with great enthusiasm and love throughout the country. It is time for rejoicing for everyone. It falls usually around September to October. Dussehra is also known as vijayadashami. 
According to Hindu mythology,  it says that on this day goddess durga killed the demon mahishasura and remove the earth from evil. So we can say that, this festival signifies the victory of the power of good over that of the power of evil. Dussehra is celebrated for ten days. In this ten days, ten character of Devi Durga is worshipped on different day. First day Maa Shailputri, second day maa Brahamcharini, third day maa Chandraghanta, fourth day Maa kushmanda, fifth day Maa skandmata, sixth day Maa katyayni, seventh day Maa kalratri, eighth day Maa mahagauri and ninth day Maa sidhidatri are worshipped. 
According to other Hindu mythology,  it says that lord Ram fought and killed demon king Ravana on this day. Therefor effigy of Ravana is burnt at many places. It also shows the victory of light over dark. The fight between Ram and Ravana were fought for ten days, therefor Dussehra is celebrated for ten days.  At many places Ram Leela is performed for ten days. 
Dussehra carries a lot of importance in the Hindu religion.  Dussehra teaches us that good always wins over evil. 
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Independence Day Speech 2023: 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर दें यह 5 मिनट का दमदार स्पीच : देशभक्ति शायरी और डायलॉग से भरें हुंकार , रगों में दौड़ उठेगा देशभक्ति का जुनून


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 तिरंगा ही आन है ,

तिरंगा ही शान है ,

तिरंगा ही हम हिन्दुस्तानियों की पहचान है। 

सुप्रभात , आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय , तमाम सम्मानित अतिथि , सम्मानित शिक्षकगण एवं मेरे सहपाठियों आप सभी को 77 वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। जैसा की आप सभी जानते हैं की आज यहाँ हमसभी अपने महान भारत के 77 वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। 

15 अगस्त हम सभी भारतवासियों के लिए गर्व और सौभाग्य का दिवश है। यहीं वह दिन है जब भारत 200 वर्षों की गुलामी के बाद ब्रिटिशोंके चंगुल से स्वतंत्र हुआ। भारत देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों के क्रूर शासन से मुक्त हुआ और एक स्वतंत्र राष्ट्र बना।यहीं कारन है की हमसभी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं 

वर्ष 1857 ईश्वी में प्रथम स्वतंत्रता की लड़ाई की शुरुआत हुई।  स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत मंगल पांडे नामक क्रांतिकारी के द्वारा किया गया।  मंगल पांडे ने सर्वप्रथम अंग्रेजों के जुल्मों के खिलाफ आबाज उठाई।  देखते हीं देखते इस आवाज की गूंज कानपूर , झांसी के रास्ते होते हुए पुरे भारत वर्ष में फैल गई। कानपूर से नाना साहेब ने , झांसी से महारानी लक्ष्मीबाई ने ग्वालियर से तात्या टोपे ने तथा बिहार से वीर कुंवर सिंह ने मोर्चा संभाला। एक भीषण युद्ध की शुरुआत हुई।परन्तु प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की जानकारी संचार व्यवस्था की कमी के कारन सभी भारत वासियों के पास न पहुंच सकी, फलस्वरूप सभी भारतवासी इस संग्राम में भाग न ले सके , जिसके कारन यह स्वतंत्रता संग्राम असफल रहा। 

लेकिन इस संग्राम ने अंग्रेजों की जड़ें हिला कर रख दी, और अंग्रेजों ने ईस्ट इंडिया कंपनी की समाप्ति की घोषणा कर दी, तथा भारत की सत्ता का कमान सीधे ब्रिटिश क्राउन के हाथों में चला गया। 

भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की लौ जो हमारे वीर सपूतों ने जलाई थी उसे कभी बुझने नहीं दिया गया। हमारे देश के वीर क्रांतिकारियों ने अपने लहू से सींच कर इस स्वतंत्रता की मसाल को जलाये रखा। 

इस आजादी को पाने के लिए जहाँ एक ओर भगत सिंह , राजगुरु एवं सुखदेव हसते - हसते फांसी को चढ़ गए तो वहीं दूसरी तरफ लाला लाजपत राय जैसे वीर सपूतों ने अंग्रेजों की लाठियाँ खाइ। काफी अत्याचार सहने और संघर्ष करने के पश्चात अंततः हमें आजादी मिली। 

यह पर्व हमारे हिर्दय में नवीन स्फूर्ति , नविन आशा , उत्साह तथा देशभक्ति का संचार करता है। स्वतंत्रता दिवस केवल यह याद नहीं दिलाता है की हमने कितनी कुर्बानियां देकर यह आजादी प्राप्त की है , बल्कि यह भी याद दिलाता है की हमें इस आजादी को किसी भी कीमत पर बनाए रखनी है। चाहे कितनी भी कुर्बानिया और देनी पड़े , ये आतंकवादी जो भारत माता के आंचल को चलनी करने की कोशिस करते रहते हैं , उन्हें मार भगाना है। 

आए आज हम सब मिलकर यह शपथ लें कि हम इस सम्पूर्ण भारत की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए जो भी करना पड़ेगा हम करेंगें। इन्ही शब्दों के साथ मै अपनी वाणी को विराम देना चाहता हूँ। 

भारत माता की - जय